अध्यापक प्रसन्न मुद्रा में, छात्र भी प्रसन्नचित्त, अध्यापक गंभीर मुद्रा में, छात्र भी गंभीर व सहमे हुए। यानी अध्यापक का प्रतिबिंब छात्रों में देखा जा सकता है। अध्यापक का कार्य अध्यापन तक सीमित नहीं है बल्कि वह बालक के भविष्य का निर्माता है। निश्चित ही पहला दायित्व अध्यापन है। अध्यापक की अपने विषय पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। निरंतर अध्ययन कर स्वयं को अपडेट रखना चाहिए। कोई भी विषय क्यों ना हो भाषा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता है, भाषा संबंधी अशुद्धियों की शिक्षण व्यवसाय में कोई छूट नहीं है।भाषा सभी संप्रेक्षण का मूलभूत माध्यम है,भाषा बिना सारे विषय अधूरे हैं। अध्यापन के लिए उसे नित नए नवाचार व प्रयोग करते रहना चाहिए। विभिन्न बौद्धिक स्तर, विभिन्न सांस्कृतिक व सामाजिक पृष्ठभूमि के बालकों को एक साथ समाहित करना आसान काम नहीं है। ऐसे […]
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